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Sunday, July 5, 2020
Saturday, April 11, 2020
Saturday, May 4, 2019
Monday, July 30, 2018
हरिद्वार, दिनाँक 29 जुलाई 2018,
चेतन ज्योति विद्यालय के सभागार में आयोजित एक साधारण समारोह में सुप्रयास कल्याण समिति द्वारा अपने शिक्षा अभियान में आर्थिक रूप से कमजोर किन्तु प्रतिभावान 50 छात्रों की वार्षिक शिक्षा व्यय के वहन का उत्तरदायित्व लिया गया।
प्राप्त सौ से अधिक आवेदनों में से चयन समिति -श्रीमती हर्ष कालरा ,श्री सोमित डे ,श्री अजय जोशी, श्री कौशल किशोर जी मित्तल आदि -द्वारा सर्वाधिक योग्य एवम मजबूर 50 छात्रों चयन वर्ष 2018 -19 के लिए किया गया था।
चयनित छात्रों के नामों की घोषणा श्री राकेश जी जायसवाल ,प्रमुख आपदा प्रबंधन विभाग, शांति कुञ्ज के सानिंध्य में किया गया। श्री जायसवाल जी ने अपने संबोधन में बच्चों व उनके अभिभावकों को शिक्षावान बनने के साथ विद्यावान भी कैसे बनें ,अवगत कराया, उन्होंने बताया कि पुराकाल में भारत मे कोई निरक्षर नही था ,कोई बेरोजगार नही होता था ,उस समय शिक्षा सर्वतोमुखी व बहुआयामी व संस्कार पूरित होती थी।हमें उसी प्रकार अपनी शिक्षा को ग्रहण करने की विधि अपनानी होगी। उन्होंने सुप्रयास के कार्यों को सराहा और अपना पूर्ण सहयोग संस्था को देने का आश्वाशन दिया।
श्री नवल किशोर जी गुप्ता, श्री राजेन्द्र नाथ गोस्वामी आदि ने बच्चों को उनके भावी जीवन हेतु सही दिशा में गतिमान रहने को कहा।
इस अवसर पर गतवर्ष अपनी परीक्षाओ में विशिष्ट अंक प्राप्त करने वाले बच्चों को प्रोत्साहन चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।
समारोह की कुछ झलकियां :-
चेतन ज्योति विद्यालय के सभागार में आयोजित एक साधारण समारोह में सुप्रयास कल्याण समिति द्वारा अपने शिक्षा अभियान में आर्थिक रूप से कमजोर किन्तु प्रतिभावान 50 छात्रों की वार्षिक शिक्षा व्यय के वहन का उत्तरदायित्व लिया गया।
प्राप्त सौ से अधिक आवेदनों में से चयन समिति -श्रीमती हर्ष कालरा ,श्री सोमित डे ,श्री अजय जोशी, श्री कौशल किशोर जी मित्तल आदि -द्वारा सर्वाधिक योग्य एवम मजबूर 50 छात्रों चयन वर्ष 2018 -19 के लिए किया गया था।
चयनित छात्रों के नामों की घोषणा श्री राकेश जी जायसवाल ,प्रमुख आपदा प्रबंधन विभाग, शांति कुञ्ज के सानिंध्य में किया गया। श्री जायसवाल जी ने अपने संबोधन में बच्चों व उनके अभिभावकों को शिक्षावान बनने के साथ विद्यावान भी कैसे बनें ,अवगत कराया, उन्होंने बताया कि पुराकाल में भारत मे कोई निरक्षर नही था ,कोई बेरोजगार नही होता था ,उस समय शिक्षा सर्वतोमुखी व बहुआयामी व संस्कार पूरित होती थी।हमें उसी प्रकार अपनी शिक्षा को ग्रहण करने की विधि अपनानी होगी। उन्होंने सुप्रयास के कार्यों को सराहा और अपना पूर्ण सहयोग संस्था को देने का आश्वाशन दिया।
श्री नवल किशोर जी गुप्ता, श्री राजेन्द्र नाथ गोस्वामी आदि ने बच्चों को उनके भावी जीवन हेतु सही दिशा में गतिमान रहने को कहा।
इस अवसर पर गतवर्ष अपनी परीक्षाओ में विशिष्ट अंक प्राप्त करने वाले बच्चों को प्रोत्साहन चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।
समारोह की कुछ झलकियां :-
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